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इन तस्वीरों में देखिये समाजवादी पार्टी का घमासान!

fireलखनऊ समाजवादी पार्टी के घमासान में आज जिस तरह के बदलाव हर थोड़ी देर के बाद देखने को मिले उसने सुरक्षा का ज़िम्मा सँभालने वालों के हाथ-पैर फुला दिये. हालात ऐसे बन गये कि पुलिस सिर्फ मूकदर्शक ही बनी रही. मुख्यमंत्री आवास जैसी संवेदनशील जगह पर बड़ी भीड़ मौजूद रही और नारेबाजी करती रही. पोस्टर जलाती रही. हंगामा करती रही लेकिन लाठी को ही अपना मज़बूत हथियार मानने वाली पुलिस तमाशा देखती रही. हाथ में लाठी होते हुए भी वह बेबस दिखी क्योंकि सामने जो भीड़ थी वह सूबे के मुखिया के समर्थन में चिल्ला रही थी. सूबे के मुखिया को न्याय दिलाने की कोशिश करती नज़र आ रही थी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव ने पहली जनवरी को राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाकर फैसला करने की बात कही तो मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर राम गोपाल और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.अखिलेश की बर्खास्तगी के बाद समर्थकों का रोष फूट पड़ा. सड़कों पर अखिलेश के समर्थन में नारेबाजी शुरू हो गई. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के पोस्टर जलाये जाने लगे.

आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने अखिलेश को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के सरकारी आवास को घेर लिया. तमाम महिला कार्यकर्त्ता काफी भावुक नज़र आईं और अखिलेश के लिये न्याय की मांग की.अखिलेश समर्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारे लगाते नज़र आये. अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों के पास यह सन्देश भेजा कि वह सपा सुप्रीमो के खिलाफ नारे नहीं लगाएं.रोष में भरे कार्यकर्त्ता मुख्यमंत्री के समर्थन में इस हद तक थे कि वह मुख्यमंत्री आवास के सामने से हटने को तैयार नहीं थे. तीन कार्यकर्ताओं ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश कर डाली. सुरक्षा कर्मी समय पर नहीं पहुंचे होते तो यहाँ बड़ा हादसा भी हो सकता था.

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