आज हैल्थ कॉन्शियस लोग मार्केट में उपलब्ध अलग-अलग रिफाइंड ऑयल और सरसों के तेल को प्राथमिकता दे रहे हैं। दरअसल यूं तो यह तेल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने का ही दावा करते हैं, पर इनके यूज से बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ गुड कोलेस्ट्रॉल भी नष्ट होता जाता है। ऐसे में आपको जरूरत है एक ऐसे तेल की जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो, जिसे पकाने पर उसके पोषक तत्व भी नष्ट न हो और वह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखें।
ऑलिव ऑयल-इसमें ओमेगा 3 और आमेगा 6 फैटी एसिड होते हैं। यह म्यूफा और प्यूफा का भी अच्छा स्त्रोजत है। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढता है। लेकिन इसका यूज सैलेड की सिजलिंग के लिए करना अधिक बेहतर होगा। राइस ब्रान और सरसों के तेल की तुलना में इसमें स्मोकिंग प्लाइंट कमहोता है। यानी यह डीप फ्राई और तेज आंच पर पकाने के बाद इसमें मौजूद जरूरी तत्व कम हो जाते हैं।
राइस ब्रैंन ऑयल –इसका इस्तेमाल उच्च ताप पर भोजन पकोन के लिए आसानी से किया जा सकता है। इसके गुणों के कारण बहुत से एशियाई देशों में इसका प्रयोग कुकिंग ऑयल के तौर पर किया जाने लगा है। राइस ब्रान ऑयल में अन्य तेलों की अपेक्षा सबसे अधिक संतुलित फैट एसिड कंपोजिशन पाया जाता है. इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कुछ मात्रा और एंटीऑक्सीडेंट जैसे ओरजानोल, टोकोट्रिनॉल और स्क्वैलीन की पर्याप्त मात्रा होती है। प्रति 1 ग्राम राइस ब्रान तेल में लगभग 9 कैलरी होती हैं।