प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में गर्भपात की खतरा सबसे ज्यादा होता है। महिलाओं को इस दौरान काफी सावधानी बरती जानी चाहिए। कई महिलाएं ऐसे भी हैं जिन्हें यह पता नहीं है कि वे गर्भवती हैं और उनका गर्भपात हो जाता है। ज्यादातर गर्भपात 16 सप्ताह के भीतर ही हो जाते हैं।
गर्भपात में महिला के शरीर से भ्रूण का कुछ हिस्सा, प्लेसेंटा और शिशु के आसपास के तरल पदार्थ निकल जाते हैं। अधिकतर मिस्केरेरेज लगभग असामान्य क्रोमोसोम के कारण होता है। यदि माँ का सहला बिगड़ती है तो भ्रूण पर प्रभाव निश्चित रूप से होता है। प्रेगनेंसी के दौरान माँ का हैल्डी रहना जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे को धूम्रपान का कारण बहुत नुकसान होगा।
धूम्रपान से क्रोमोसोम में असमानता पैदा होती है। इस वजह से बच्चे का जन्म समय पहले तक हो जाता है। प्रेगनेंसी में कैफीन का सेवन कम करें यह गर्भपात की संभावना बढ़ती है टेंशन, फॉलिक एसिड, एल्कोहल का सेवन करने से गर्भपात की खतरा बढ़ जाती है।