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इंफोसिस छोड़ना मेरी सबसे बड़ी भूल: नारायणमूर्ति

13544941_H815912--621x414जानी-मानी आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने एक बिजनेस चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2014 में इंफोसिस को छोड़ना उनकी सबसे बड़ी भूल थी। उन्होंने बताया कि कंपनी के कई सहकर्मियों ने उन्हें कंपनी न छोड़ने के लिए मना किया था।
 
हालांकि इंफोसिस के मौजूदा सीईओ विशाल सिक्का के साथ विवादों को लेकर हाल के दिनों में चर्चित रहे मूर्ति ने कहा कि वह कैंपस को मिस नहीं करते। उन्होंने कहा कि उन्हें कंपनी छोड़ने का बेहद दुख है। निजी और व्यवसाय जीवन में की गलतियों पर उन्होंने कहा कि उनके कई फांउडर साथियों ने उन्हें 2014 में कंपनी को छोड़ने को मना किया था।

सहकर्मियों का कहना था कि मुझे कुछ सालों तक चेयरमैन के पद पर बने रहना चाहिए। उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि वे खुद को आमतौर पर बेहद भावुक मानते हैं और उनके ज्यादातर फैसले आदर्शवाद पर आधारित होते हैं उन्होंने ये भी कहा कि संभवत: उन्हें उन लोगों की सलाह के बारे में भी सोचना चाहिए।

बता दें कि मूर्ति कंपनी के सीओओ प्रवीण राव की सैलरी बढ़ाने से भी नाखुथ थे। दरअसल, नारायणमूर्ति कंपनी में चल रहे मनमानी के माहौल से नाराज हैं। उन्होंने इसके खिलाफ कई बार आवाज भी उठाई थी। प्रवीण की सैलरी के मामले में उनकी सैलरी बढ़ाकर 4.60 करोड़ कर दी गई।

उन्होंने कहा कि ये बढ़ोत्तरी इंफोसिस की निष्पक्षता के खिलाफ है। जहां सामान्य कर्मचारियों को 6-7 फीसदी ही वृद्धि मिली ऐसे में कंपनी के शीर्ष पर बैठे व्यक्ति को इतनी वृद्धि देना सही नहीं है। मूर्ति ने 33 साल पहले छह लोगों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की थी और 2014 में विवाद के चलते कंपनी से इस्तीफा दे दिया। 

 

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