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आम बजट पेश करने को लेकर विपक्ष का हमला, जेटली ने ऐसे दिया करारा जवाब

विधानसभा चुनावों के ठीक पहले केंद्रीय बजट पेश करने के विरोध में विपक्ष न केवल आपत्ति ले रहा है, बल्कि एकजुट भी है, जबकि दूसरी ओर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस कदम का बचाव किया है. जेटली ने कहा कि ये वे राजनीतिक दल हैं, जो कहते हैं कि नोटबंदी की लोकप्रियता बहुत कम है. तो फिर वे आम बजट से डर क्यों रहे हैं? गौरतलब है कि अगले वित्त वर्ष के पहले दिन से ही लोक कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च शुरू करने को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश की वर्षों पुरानी प्रथा को खत्म कर इस साल 1 फरवरी को आम बजट पेश करने का फैसला किया है, जबकि विपक्ष सरकार के इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से देख रहा है.429169-arun-jaitley-3-pti-2

राजनीतिक दलों ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और चुनाव आयोग में दस्तक दी. कांगेस, लेफ्ट, सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने इस कदम को लेकर आपत्तियां जताई हैं. उनका मानना है कि इस बजट में लोकलुभावन घोषणाएं कर वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है. विपक्ष के सभी दल गुरुवार को टीएमसी, सपा, बीएसपी, जेडीयू औऱ आरजेडी के नेता 11 बजे चुनाव आयोग से मुलाकात कर शिकायत करेंगे.

 जबकि दूसरी ओर जब वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद दिलाया गया कि वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद मार्च में बजट पेश किया गया था, तो जेटली ने कहा कि यह कोई हमेशा की प्रथा नहीं रही. वित्त मंत्री ने तर्क दिया कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अंतरिम चुनाव पेश किया जाता है. किसी ने उसे तो नहीं रोका. 2014 में भी आम चुनाव से कुछ ही दिनों पहले अंतरिम बजट पेश किया गया था. यह एक संवैधानिक जरूरत है.

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