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आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया का मर्जर साहसिक फैसला: सीओएआई

vodafone-idea-merger-indiaनई दिल्ली। सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के विलय को एक साहसिक फैसला बताया है। सेल्युलर कंपनियों के संगठन के कहा है कि एकीकृत मजबूत इकाई सरकार और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

इसके साथ ही सीओएआई ने उम्मीद जताई है कि इस डील को त्वरित मंजूरी मिलेगी। संगठन का कहना है कि यह मर्जर न केवल संगठनात्मक परिदृश्य से अच्छा होगा बल्कि उपभोक्ताओं और सरकार के लिहाज से भी बेहतर होगा।

सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने बताया, यह दोनों कंपनियों की ओर से साहसिक कदम है। यह भारत में दीर्घकाल तक बने रहने की उनकी मंशा को दर्शाता है। एक अधिक मजबूत कंपनी के सामने आने से सरकार की दृष्टि से इससे भुगतान के मामले में स्थिरता आएगी।

गौरतलब है कि ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन और भारत की आदित्य बिड़ला ग्रुप की आइडिया सेल्युलर ने 20 मार्च को अपने कारोबार के विलय का एलान किया है। इन कंपनियों के मर्जर से टेलिकॉम सेक्टर में उपभोक्ता संख्या और राजस्व के लिहाज से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आयेगी।

आपको बता दें कि मर्जर के बाद जो इकाई बनेगी उसमें कुमार मंगलम बिडला को चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा। साथ ही वोडाफोन सीएफओ की नियुक्ति करेगी। कुमार मंगलम बिड़ला ने यह भी स्पष्ट किया है कि मर्जर के बाद नई कंपनी से किसी तरह की छटनी नहीं की जाएगी। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक मर्जर के बाद बनी नई कंपनी में वोडाफोन की 45 फीसद हिस्सेदारी होगी। वहीं आईडिया के प्रमोटर्स इस कंपनी में 26 फीसद हिस्सेदारी रखेंगे। वहीं आईडिया सेल्युलर के पास 130 रुपए प्रति शेयर भाव पर 9.5 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।

 

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