नई दिल्ली: राजस्थान में मिली कांग्रेस को जीत के बाद अब पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचातानी चल रही है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की रेस में दो नाम हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक गहलोत का मुख्यमंत्री बनना तय मना जा रहा है।
अशोक गहलोत कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं। राजस्थान में कांग्रेस 99 सीटों पर है। इसलिए अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के आसार ज्यादा हैं। गहलोत संकट मोचक हैं और अन्य दलों से उनका मैनेजमेंट भी अच्छा है। इसके पहले भी जब गहलोत मुख्यमंत्री थे तो उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। 96 सीटों के साथ कांग्रेस सरकार बनी थी और गहलोत ने सफलतापूर्वक पांच साल राज किया था।
अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को जोधपुर (राजस्थान) में हुआ। गहलोत ने विज्ञान और कानून में ग्रैजुएशन की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीजी किया। अशोक गहलोत के पूर्वजों का पेशा जादूगरी था। गहलोत के पिता स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत जादूगर थे। खुद गहलोत ने भी अपने पिता से ही जादू सीखा था। कुछ वक्त उन्होंने इस पेशे में हाथ भी आजमाए। लेकिन अशोक की नियति यह नहीं थी, उन्हें तो राजनीति के मैदान में जनता के बीच रहना था। गहलोत, स्टूडेंट लाइफ से ही राजनीति में दिलचस्पी रखने लगे थे। स्कूली दिनों से ही वे समाजसेवा में भी सक्रिय हो चुके थे। 1973 से 1979 में कांग्रेस के छात्र संगठन, NSUI केराजस्थान प्रेसिडेंट भी रहे। वह 7वीं लोकसभा के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा, 10वीं लोकसभा, 11वीं लोकसभा और 12वीं लोकसभा में संसदीय चुनाव जीता। गहलोत ने इंदिरा गांधी,राजीव गांधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वे दो बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। जबकि दो बार मुख्यमंत्रीके तौर पर राजस्थान की सरकार का नेतृत्व भी किया। वह पहली बार 1 दिसबंर 1998 में कोमुख्यमंत्री बने और पांच साल तक कांग्रेस सरकार चलाई। इसके बाद 2008 में फिर कांग्रेस को सत्ता मिली और इस बार गहलोत ही दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।