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अयोध्या विवाद: मौलाना मदवी के सपॉर्ट में आए एक और इस्लामिक विद्वान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुलह का फॉर्म्युला देने के बाद खुद को इस विवाद से अलग करने वाले मौलाना सलमान नदवी के बाद एक और सीनियर इस्लामिक स्कॉलर डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने भी अदालत से बाहर मामला सुलझाने के उनके फॉर्म्युले का समर्थन किया है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल ने मामले का समाधान कोर्ट से बाहर करने और मस्जिद का निर्माण विवादित भूमि से दूर करने की बात कही है। जफरुल ने शनिवार को लिखे अपने एक लेख में नदवी की पहल का समर्थन तो किया, लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात से असहमति भी जताई कि श्री श्री रविशंकर इस फॉर्म्युले को स्वीकार करने के लिए हिंदू संगठनों को राजी कर पाएंगे। 
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के पूर्व अध्यक्ष जफरुल ने लिखा, ‘मौलाना नदवी के विचार तर्कसंगत हैं, लेकिन श्री श्री रविशंकर की बातें कौन सुनेगा। मैं मौलाना नदवी को 3 दशकों से जान रहा हूं। मेरे उनसे मतभेद हैं, लेकिन कभी उनकी ईमानदारी पर शक नहीं किया। वह दबाव के आगे झुक गए, लेकिन मैं नहीं झुकूंगा।’ 

जफरुल ने कहा, ‘AIMPLB द्वारा इस बात पर जोर दिया जाता है कि मुस्लिमों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए और एक बार जहां मंस्जिद बन गया, वहां हमेशा ही मस्जिद रहता है। लेकिन कुरान या पैगम्बर की शिक्षा में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं मिलता है।’