Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

अमेरिकी कमांडर का बड़ा बयान: उत्तर कोरिया संकट खत्म करने में भारत ही कर सकता है मदद

विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका पर सवाल उठाने वालों को शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने उत्तर कोरिया संकट को खत्म करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया।
उन्होंने कहा कि – ‘प्योंगयांग नेतृत्व को परमाणु कार्यक्रम के खतरे की गंभीरता को समझाकर भारत विश्व बिरादरी की मदद कर सकता है।’ इस बीच कोरियाई प्रायद्वीप पर युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिकी द्वीप गुआम पर हमले की धमकी के बाद जापान ने देश के पश्चिमी हिस्से में मिसाइल रक्षा सिस्टम की तैनाती शुरू कर दी है।

अमेरिका के शीर्ष कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा कि – ‘यह फैसला भारत को करना है कि वह किस प्रकार की भूमिका निभाना चाहता है।’ हैरिस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत की आवाज पुरजोर है जिससे लोग इस पर ध्यान देंगे।

इसलिए मैं मानता हूं कि संभवत: अमेरिका द्वारा खतरा समझी जाने वाली बात की गंभीरता से उत्तर कोरिया को समझाने में भारत मदद कर सकता है।’ इससे पहले जुलाई में उत्तर कोरिया द्वारा दो अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों के परीक्षण पर विश्व बिरादरी के साथ-साथ भारत ने भी आलोचना की थी।

उस वक्त भारत द्वारा उत्तर कोरिया से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की ट्रंप प्रशासन ने प्रशंसा भी की थी। इस बीच उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिकी द्वीप गुआम पर दी गई मिसाइल हमले की धमकी के मद्देनजर जापान के रक्षा मंत्रालय ने देश के पश्चिमी शहर शिमाने, हिरोशिमा और कोचि में पेट्रियॉट एडवांस कैपेबिलिटी-3 (पीएसी-3) की तैनाती शुरू कर दी है।

सरकारी प्रसारण सेवा एनएचके ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लड़ोसी एहिमे में भी मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात की जाएगी। इनके बारे में उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी थी कि यह उसकी मिसाइलों के रास्ते में आड़े आ सकती हैं।

टीवी फुटेज में भी कोचि में होने वाली तैनाती के संबंध में सेना और वाहनों के स्पष्ट दृश्य देखे गए। क्योदो समाचार समिति ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि सरकार को जल्द ही इस मिसाइल प्रणाली की तैनाती का काम पूरा होने की उम्मीद है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.