चीन ने अब नया दांव खेला है। भारत की चमत्कारिक धरोहर को अब उसने अपनी राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया है।
भारत, चीन और नेपाल के संयुक्त ट्रांसबाउंड्री प्रोजेक्ट ‘कैलाश पवित्र भूक्षेत्र परियोजना’ में अभी तक पिछड़े चीन ने आगे आने के लिए नया दांव खेला है।
चीन ने अपनी सीमा में आने वाले कैलाश भूक्षेत्र के हिस्से को राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया। इससे यहां विभिन्न देशों के नए प्रोजेक्ट भारत और नेपाल से पहले शुरू हो सकते हैं।
चीन के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ईसी मोड ने भारतीय एजेंसियों से डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया तेज करने के लिए कहा है। इस संबंध में केंद्र सरकार को भी अवगत करा दिया गया।
चीन की घोषणा के बाद इसी महीने अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ईसी मोड ने भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून में इस परियोजना में जुटे सभी संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें जल्दी से जल्दी डॉक्यूमेंटेशन पूरा करने के लिए कहा गया। बैठक में कहा गया कि भारत और नेपाल भी अपने हिस्से के भूक्षेत्र को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें जिससे समान गति से काम शुरू हो।