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अब नहीं होगी भारत-पाक में जंग, बातचीत के जरिए निकाला जाएगा हल

img_20161124090152 एलओसी (LoC) पर भारी तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान बातचीत के रास्ते तलाशते दिख रहे हैं। इसके लिए 3 और 4 दिसंबर को अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन अहम होगा, जिसमें विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी पीएम के सलाहकार सरताज अजीज हिस्सा लेने आ रहे हैं।

राजनयिक सूत्रों के अनुसार, इस सम्मेलन के दौरान अजीज और भारत के वार्ताकारों के बीच अलग से बातचीत की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता है। अजीज पहले ही कह चुके हैं कि यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच तनाव घटाने का अच्छा मौका होगा।

अफगानिस्तान पर फोकस हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में करीब 40 देश हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अस्वस्थ होने के कारण इसमें हिस्सा नहीं लेंगी। लेकिन माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
विदेश नीति पर अहम फैसले ले रहे पीएम पहले भी पाकिस्तान के साथ संबंधों में चौंकाने वाला बदलाव लाने के लिए जाने जाते रहे हैं। क्या इस सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच अलग से बात हो सकती है, इस सवाल को भारत ने खारिज नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा कि सम्मेलन की रूपरेखा अभी तैयार की जा रही है। अभी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। सरताज अजीज के साथ द्विपक्षीय बातचीत के मुद्दे को ना हम खारिज करते हैं, ना पुष्टि करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ किया कि हम बातचीत चाहते हैं, लेकिन आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान इसके लिए उचित माहौल तैयार करे।
सैन्य सूत्र भी मानते हैं कि टकराव बढ़ाना समस्या का हल नहीं हो सकता है। बुधवार को दोनों देशों के डीजीएमओ की बातचीत में एक तरफ कहा गया था कि अगर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश हुई तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा।
दूसरी यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ अपने सैनिकों को गलत गतिविधियों में शामिल होने से रोकें, जिससे एलओसी पर हालात सामान्य करने में मदद मिलेगी। भारत के रक्षा हलकों से जारी इस भाषा के संकेत दूर तक देखे जा रहे हैं।
बुधवार को डीजीएमओ की बातचीत पहले से तय नहीं थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इसकी गुजा्रिश को भारत में पॉजिटिव नजरिये से देखा जा रहा है। गुरुवार को भी गुलमर्ग और नौगाम में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया गया, लेकिन माना जा रहा है कि कश्मीर में जल्द ही बर्फबारी की शुरुआत से घुसपैठ में अपने आप कमी आ जाएगी।
मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रहील शरीफ रिटायर होने जा रहे हैं। भारत के खिलाफ कुछ ज्यादा कड़ा रुख रखने के लिए जाने गए रहील शरीफ के बारे में अटकलें थीं कि वह एक्सटेंशन की कोशिश कर रहे हैं।
एलओसी पर हाल के दिनों में बिगड़ते हालात को भी इसी सिलसिले में देखा जा रहा था। गुरुवार को पीएम नवाज शरीफ ने उनके लिए विदाई समारोह का आयोजन किया था। अगले सेना प्रमुख के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।
माना जा रहा है कि नवाज शरीफ इसमें जल्दी नहीं करना चाहते, क्योंकि वह अपनी पसंद का शख्स इस पद के लिए चुनना चाहते हैं। इसका मकसद यह होगा कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना का दखल कम हो सके।
 

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