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अनुलोम-विलोम से फेफड़े और हृदय को हमेशा रखे स्वस्थ

आजकल की बिजी लाइफ में किसी को भी इतना समय नहीं है कि पूरे दिन खुद का ध्यान रखें। अपने ही शरीर को भूलकर दिनभर काम में लगे रहते है। खुद को अनदेखा कर कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इसलिए कुछ ऐसे प्राणायाम है जिन्हें करके हम स्वस्थ रह सकते हैं और इन्हें करने में अधिक समय भी नहीं लगता।

अनुलोम-विलोम से शरीर की सभी नाड़ियां स्वस्थ एवं निरोग रहती हैं। इससे फेफड़े और हृदय स्वस्थ रहते हैं। कमजोर और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को इस प्राणायाम के दौरान सांस भरने एवं छोड़ने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। 

इसका अभ्यास सुबह के समय खुली हवा में करें। इसे करने के लिए सबसे पहले बैठ जाएं। दाहिने हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं ओर से सांस भरें। फिर बाईं नासिका को बंद कर दाहिनी नासिका से सांस बाहर जाने दें।

सांस छोड़ते समय आठ तक की गिनती करें। बारी-बारी से दोनों नासिकाओं के साथ इस क्रिया को पहले तीन मिनट करें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाकर 10 मिनट कर दें। जल्दी-जल्दी सांस न लें। सांस की गति इतनी सहज हो कि स्वयं भी सांस की आवाज सुनाई न दे।