Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

अडिग अटूट है बाबा केदार का ये मंदिर, पीएम मोदी पहुंचे दर्शन को

लगभग 400 साल तक बर्फ के अंदर पूरी तरह से ढका हुआ बाबा केदारनाथ का मंदिर जिसे बारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है, जिसकी महिमा अपरंपार है. आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके दर्शन के लिए पहुंचे हैं.

modi_mandir_1493783824_749x421चारों तरफ बर्फ के पहाड़ और दो तरफ से मन्दाकिनी और सरस्वती नदियों के बीचों बीच खड़ा शिव का ये अनोखा मंदिर 2013 में बेहद भयावह और विनाशकारी आपदा को झेल चुका है और न जाने और भी कई छोटी बड़ी आपदाओं को झेलने वाले बाबा केदार के इस धाम में बाबा की ऐसी महिमा है कि कभी इस मंदिर का बाल भी बांका नहीं हो पाया, मंदिर के अंदर प्रचीन काल से ही देवी-देवताओं की सुन्दर प्रतिमाएं हैं.  

इसके साथ यहां भैरोनाथ जी का मन्दिर, आदिशकंराचार्य की समाधि व गांधी सरोवर के भी दर्शन कर सकते हैं.

कैसे और कब हुई बाबा केदार की स्थापना और कब होते हैं बाबा के दर्शन
पुराणों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार महाभारत की लड़ाई के बाद पाण्डवों को जब अपने ही भाइयों के मारे जाने पर भारी दुख हुआ तो वे पश्चाताप करने के लिए केदार की इसी भूमि पर आ पहुंचे, कहते हैं उनके ही द्वारा इस मंदिर की स्थापना हुई.

केदारनाथ की निरभ्र घाटी में भगवान शिव के दर्शन जहां नास्तिक को आस्तिक बना देते हैं, वहीं आस्तिक को परम आस्था से लबरेज कर परमात्मा के और करीब कर देते हैं.

केदारनाथ पहुंचने के लिए गौरीकुण्ड से 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. हालांकि 2013 की आपदा के बाद ये दूरी कुछ हद तक बढ़ गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.