कई घरों में herbal tea बनती होगी। लेकिन क्या आप जानते है कि इस चाय को बनाने का भी एक तरीका होता है। केवल उस तरीके से बनाने के बाद ही आपको उस चाय का असर दिखेगा। हर्बल टी बनाते समय हम में से कई लोग गलतियां करते हैं और इनके बारे में हम अभी भी अनजान हैं। हमारी इन गलतियों के कारण हम इनसे अधिकतम स्वास्थ्य लाभ नहीं ले पाते। इसके अलावा बनाने की विधि गलत होने के कारण इसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। तो आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बताएंगे जिन्हें हर्बल टी बनाते समय नहीं करना चाहिए। जब हर्बल टी को सही तरीके से बनाकर पीया जाता है तभी हमें इसका पूरा फायदा होता है। हर्बल टी में Vitamins और Minerals भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आज हम आपको कुछ उन गलतियों के बारे में बताएंगे जो अक्सर हम हर्बल टी बनाते समय करते हैं। आइये देखें…
अगर पीते हैं हर्बल चाय तो बनाते वक्त ना करें ये गलतियां, वरना…
दूध न मिलाएं: जब वज़न घटाने के लिए हर्बल टी बनाई जाती है और उसमें दूध मिलाया जाता है तो यह प्रभावकारी नहीं होती। दूध में उपस्थित पोषक तत्वों के कारण वज़न कम करने में बाधा आती है। इसके अलावा दूध और तुलसी का प्रयोग एक साथ नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।
कभी भी शक्कर न मिलाएं: हर्बल टी में शक्कर मिलाने से उसमें कैलोरीज़ बहुत बढ़ जाती हैं। इस कारण हर्बल टी पीने का उद्देश्य पूरी तरह ख़तम हो जाता है। अत: इसमें कभी भी शक्कर न मिलाएं बल्कि स्वाद के लिए आप शहद और गुड मिला सकते हैं।
इसे फिर से गर्म न करें: हर्बल टी को पुन: गर्म करने से उसमें उपस्थित प्राकृतिक हर्बल गुण ख़त्म हो जाते हैं। अच्छा होगा कि आप ताज़ी बनी हुई चाय पीयें तभी इसे पीने का उद्देश्य पूरा होता है।
इसे हमेशा न पीते रहें: हर्बल टी इसलिए नहीं है कि जब भी आपका दिल करे आप इसे पी लें। इसके सेवन का एक निश्चित समय होता है। उदाहरण के लिए तुलसी की चाय सुबह पीने से पाचन अच्छे से होता है। किसी भी हर्बल टी का उपयोग करने से पहले अच्छा होगा कि आप डॉक्टर की सलाह ले लें।
चाय बनाते समय कभी ढक्कन न लगायें: हरबल टी बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि ढक्कन खुला हुआ हो और पानी भाप बनकर उड़ रहा हो। आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से हर्बल टी से स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ बढ़ जाते हैं।