धूपबत्ती एक ऐसी चीज है जिसका प्रयोग सभी धर्मों के लोग अपनी पूजा में करते हैं। धूप जलाने से मन को शांति मिलती है। कहा जाता है कि धूप से घर की सारी नकारात्मक उर्जा ख़त्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसलिए मंदिर हो या चर्च, हर जगह धूप का उपयोग किया जाता है। लोगों के अनुसार शाम के समय अगरबत्ती जलाने से घर का वातावरण शुद्द होता है लेकिन कुछ घरों में इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे कई बार शरीर को बीमारी होने का खतरा रहता है….
• अगरबत्ती का धुआं सांस के साथ शरीर में जाता है तो इससे दिल की कोशिकाएं सिकुड़ना शुरू हो जाती हैं जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा बना रहता है। धूपबत्ती के धुएं में अधिक देर तक सांस लेने से सांस की समस्या हो जाती है। इसमें मौजूद नाइट्रोजन और सल्फर डाईऑक्साइड गैस शरीर में चली जाती है जिससे अस्थमा और सीओपीडी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
• अगरबत्ती के धुएं से कार्बनमोनोऑक्साइड निकलती है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। इस धुएं में सांस लेने से कफ और छींकने की समस्या हो जाती है और छाती में रेशा और बलगम जम जाती है जिससे काफी परेशानी होती है।
• अगरबत्ती के धुएं की वजह से दिमाग की कोशिकाएं प्रभावित होती है जिससे सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्या हो सकती है। इसमें मौजूद केमिकल के संपर्क में आने से त्वचा और आंखों में जलन और खुजली होने लगती है जिससे आंखे खराब हो जाती हैं।