अगर आप कुक्कुट पालन या मुर्गी पालन का काम शुरू करना चाहते हैं या शुरू करने वाले हैं तो सबसे जरुरी ध्यान देने वाली बात है कैसा हो मुर्गी घर ? आईये हम आपको बताते हैं मुर्गीघर बनाते समय किन बातों का रखें ध्यान:
- मुर्गीघर अपने आवास के साथ लगा हुआ एवं स्थानीय सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जहां तक हो सके, घर को पूर्व – पश्चिम दिशा की ओर बनाएं।
- यदि संभव हो तो मुर्गीघर को इकट्ठे हुए पानी, बाढ़ आदि से बचाने हेतु घर के फर्श को ज़मीन से करीब 1 फुट ऊंचा बनाएं ताकि बीट आदि नीचे इकठ्ठा हो जाए जिसे बाद में खाद की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मुर्गीघर बहुत महंगा नहीं होना चाहिए, परंतु घर की मज़बूती, आराम तथा सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
फर्श लकड़ी अथवा बांस या मिट्टी को समतल करके बनाया जा सकता है।
- घर का फर्श ऐसा होना चाहिए की नमी तथा दरार पड़ने से बचा रहे, आसानी से साफ़ किया जा सके, मज़बूत हो तथा चूहों इत्यादि का प्रवेश न हो पाए।
- चूंकि हमारे प्रदेश में प्रचूर मात्रा में वर्षा होती है, घर की छत ऐसी होनी चाहिए की बारिश का पानी बहकर निकल जाए।
- छत दीवार से लगभग 3 फीट बाहर तक निकली होनी चाहिए। गावों में आसानी से उपलब्ध पैरा का इस्तेमाल छत बनाने के लिए किया जा सकता है।
- मुर्गीघर के आसपास पेड़ लगाएं ताकि पेड़ों की छाया उस पर पड़ती रहे।
- दीवारों के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से को बांस की जाली बनाकर ढकें। जालीदार दीवार में मोटा बोरा का पर्दा लगाएं जिसे सामान्तः गोल घुमाकर ऊपर बाँध कर रखें।