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‘युवराज’ के लिए टिकट की लड़ाई में मंत्री भी उलझे

विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही कांग्रेस में टिकट को लेकर अंदरूनी घमासान तेज हो गया है। मंत्री अपने परिवारजनों को टिकट दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
 सूत्रों की मानें तो बाजपुर से विधायक और सरकार में मंत्री यशपाल आर्य अपने बेटे संजीव आर्य को नैनीताल (आरक्षित) विधानसभा सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं।
नैनीताल से वर्तमान विधायक सरिता आर्या को सोमेश्वर आरक्षित विधानसभा सीट से लड़ाने का सुझाव भी दिया गया है। यह अभी साफ नहीं है कि सरिता आर्या को यह कितना रास आएगा। सरिता आर्या अभी तक नैनीताल सीट पर ही सक्रिय रही हैं। 
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मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हैं ताक में

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कांग्रेसियों की बेचैनी बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं। रावत ने अपनी सीट धारचूला पर पत्ते नहीं खोले हैं। यहां से हरीश धामी भी तैयारी कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि वे अपनी बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण और पत्नी रेणुका रावत को रामनगर या सल्ट से टिकट दिलाने की कोशिश में हैं।

इधर रणजीत रावत की सक्रियता भी रामनगर में खासी बढ़ी है। ऐसे में इन सीटों पर टिकटों को लेकर पेच फंसा हुआ है। मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत पहले से ही खटीमा से पीसीसी के जरिए आवेदन कर चुके हैं। 

मुख्यमंत्री की मंशा को भांपते हुए अन्य मंत्री भी परिवारजनों को टिकट दिलाने की जोर आजमाइश में जुट गए हैं। वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश भी अब खुलकर हल्द्वानी विधानसभा से टिकट मिलने पर मैदान में कूदने की बात कर रहे हैं।

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