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जब कुदरत के कोप ने देश को दहलाया…

du_58613235daa762004 में आए 9.3 तीव्रता के भूकम्प के चलते हिन्द महासागर का सीना सुनामी से दहल गया. ऐसे में आए भूकंप के जबरदस्त झटके ने सुनामी का भयंकर रूप धारण कर तांडव मचाते हुए हमारे कई भाई-बहनो व बच्चो की जिंदगी को लील चूका था. जब सुनामी आई तो वह अपने साथ में 7 से 12 मीटर ऊंची उची लहरें लेकर आई. सुनामी की यह प्रचंड लहरे जब भारतीय तट से टकराईं, तो समंदर से लगे सभी राज्यों में हाहाकार मच गया. भारत में इस सुनामी से तमिलनाडु और तट से लगे दूसरे राज्यों में लगभग 13 हज़ार लोग मारे गए. हिंद महासागर में आए भयंकर भूकंप और उसके प्रभाव से शुरू हुई सुनामी से भारत भी व्यापक रूप से प्रभावित हुआ व हजारो घर इसमें उजड़ गए.

कुल तेरह देशों में पानी से निकले इस दैत्य ने करीब दो लाख लोगों को मौत की नींद सुला दिया. भारत में समंदर से लगे दक्षिणी राज्यों में इस सुनामी ने सबसे ज़्यादा तबाही मचाई. इंडोनेशिया में हिंद महासागर में पैदा हुए ज़लज़ले ने पांडीचेरी, अंडमान निकोबार, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के कई इलाकों को देखते ही देखते अपनी आगोश में ले लिया था. समंदर की लहरें जब खामोश हुईं, तो छोड़ गईं विनाश की भयावह तस्वीरें. वो यादें, जिसे देखकर आज भी सिहरन पैदा हो जाती है. वो तस्वीरें कोई कैसे भूल सकता है, जब समंदर से निकले इस जलदैत्य ने दक्षिण भारत के शहरों को तबाह कर दिया था.

इंडोनेशिया के आचे के पास के समुद्र में 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद सुनामी की जिस तरह की लहरें उठी थीं, उसके बारे में कहा गया था कि ऐसी लहरें पिछले 40 सालों में नहीं देखी गई थीं. सुनामी के केंद्र इंडोनेशिया में इस हादसे में एक लाख 28 हज़ार लोग मारे गए. पानी की ऊंची-ऊंची लहरें जब 800 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ रफ़्तार से तटीय क्षेत्रों में घुसीं, तो लोगों को संभलने का मौक़ा भी नहीं मिला. जब लहरें लौटने लगीं, तो अपने साथ गाड़ियों के साथ मकान के मकान भी बहा ले गईं. सूनामी आने के कुछ घंटों में ही श्रीलंका, भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों ने सैकड़ों लोगों की मौत की ख़बर आई.

हाल के दिनों में आई यह सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदा थी. भारत के दक्षिणी तट से सैकड़ों मछुआरे लापता हो गए थे, जिनके शव बाद में समुद्र से बहकर वापस आए. भारत में अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप सुनामी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. दोनों केन्द्रशासित प्रदेशों में ही 7 हजार लोग मारे गए. तमिलनाडु भी सुनामी से काफी प्रभावित हुआ. राहत और बचाव के काम में सेना को लगाना पड़ा था. हिंद महासागर में 26 दिसंबर 2004 को आए भूकंप से पैदा हुई सुनामी लहरों की विनाशलीला विश्व की सबसे बड़ी त्रासदियों में गिनी जाती है.

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